बिहार में सुबह 6 बजे से स्कूल के संचालन का आज दूसरा दिन है। ऐसे में विद्यालय पहुंचने में शिक्षकों को देर ना हो जाए और देर जाने से कोई विभागीय कार्रवाई न हो जाए इसके लिए प्रदेश के अलग – अलग विद्यालयों में शिक्षक येन केन प्रकेण विद्यालय पहुंचने की होड़ में थे। इस दौरान प्रदेश के अलग अलग जिलों में कई शिक्षक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं तो कई शिक्षकों के हादसे में मौत की भी सूचना है।
मुजफ्फरपुर के चकिया प्रखंड के अंतर्गत हरदियाबाद विद्यालय के शिक्षक जमाल अख्तर अंसारी की भयावह दुर्घटना चकिया नेशनल हाईवे के पास हो गई। उन्हें तुरंत एंबुलेंस से चकिया रेफरल हॉस्पिटल पहुंचाया गया।किंतु उनकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया है।
ठाकुर बिगहा विधालय के शिक्षक विकास कुमार के दुघर्टनाग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है। कनाप में विधालय आने के दौरान उन्हें धक्का लग गया है। जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दरभंगा में भी एक शिक्षक की स्कूल जाने के दौरान सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। वहीं इस हादसे के बाद जहां एक तरफ शिक्षक संघ में नाराजी देखने को मिल रही है वहीं दूसरी तरफ BJP विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने भी अब मोर्चा खोल दिया है।
छौरादनो में भी विद्यालय जाने के क्रम में शिक्षक प्रमोद उपाध्याय सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं। जिनकी स्थिति सामान्य है। लेकिन ये बात सिर्फ आज की नहीं है। बल्कि विभाग के इस आदेश को पूरा करने में बिहार के दर्जनों छात्र और शिक्षक पहले दिन भी बीमार पड़ गए थे।
स्थिति तो ऐसी है कि कई शिक्षक और शिक्षिकाएं कार्रवाई से बचने के लिए खुल कर सामने नहीं आ रही हैं। The Outpost से बात करते हुए एक शिक्षिका कहती हैं कि हम सुबह 6 बजे स्कूल जाने के लिए 4 बजे जगती हैं क्योंकि स्कूल जाने में अगर देर हुई तो 7 दिन का वेतन भी कट जायेगा इसलिए जल्दी जाना पड़ता है। ऐसे में हम नाश्ता भी नहीं बना पाते हैं और गांव में स्कूल होने के कारण कुछ खाने को भी नहीं मिलता है मजबूरी में हम भूखे 1:30 बजे तक रहते हैं। ऐसे हमारी तबीयत खराब होने लाज़मी है लेकिन बड़ी मेहनत से नोकरी लिया है तो छोड़ भी नहीं सकते। हम मजबूर हैं।