देश में भले भी सुबह की शुरुआत एक बार फिर लोकतंत्र की अलख को जगाने के लिए हुआ था। लेकिन लोगों की आँख खुली तो देखा गया कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी मीडिया पर केंद्र सरकार ने जोरदार प्रहार किया था। मामले की जानकारी होते ही फिर क्या हुआ कोई सोशल मीडिया के इस दौर में समर्थन तो कोई पक्ष में सरकार पर हमला बोल रहा था तो सरकार के फैसले की पुरजोर हिमाकत कर रहा था।
दरअसल केंद्र सरकार ने देश की सुरक्षा में सेंघमारी का आरोप लगाते हुए। देश के चर्चित पत्रकार संजय शर्मा की राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डिजिटल समाचार चैनल 4PM को बंद कर दिया। जिसकी जानकारी संजय शर्मा ने ख़ुद अपने सोशल मीडिया “X” (पहले ट्विटर) पर दिया। इसमें उन्होंने सरकार पर आरोप लगाएं की सरकार ने हमारी गलती में सुधार का मौका नहीं दिया।

(( https://x.com/Editor_SanjayS/status/1917074474220065200 ))
वैसे तो संजय जी ने इस चैनल पर अपनी टीम के साथ कड़ी मेहनत कर इसे Digital की दुनिया में 7 मिलियन subscriber के साथ नंबर 1 का बनाया ही नहीं बल्कि अलग- अलग प्रदेशों में अपना नेटवर्क स्थापित कर नई व्यवस्था बना दिया था। जिस पर बिना डरे और रुके आगे काम करने की बात भी कह रहे हैं।
वैसे तो 4PM के बंद होने की चर्चा देश में खूब हो रही है। मोदी और तथा कथित भक्त/ समर्थक जो अंधभक्ति की सौल ओढकर सियासत को समझने की कोशिश कर रहे हैं वह तो बेहतर बता ही रहे हैं। सरकार के विपक्षी इस मुद्दे के बहाने सियासत भी कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। पर सवाल ये है कि देश की सुरक्षा के बहाने सरकार अगर लोगों की जुबान बंद करने लगे तो ना लोकतंत्र की परिभाषा के मायने बचेंगे ना सरकार से सवाल करने की किसी में हिम्मत बचेगी।