वीजा समाप्त होने के बाद भी भारत में रह रहा था अमेरिकी, रक्सौल में गिरफ्तार

भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र रक्सौल में सुरक्षा को लेकर इमिग्रेशन विभाग की सतर्कता एक बार फिर रंग लाई जब शुक्रवार को एक अमेरिकी नागरिक को चोरी-छिपे नेपाल भागने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के नागरिक एटान के रूप में हुई है, जो वर्जीनिया प्रदेश के बेन शहर का निवासी है।

सूत्रों के अनुसार, रक्सौल स्थित इमिग्रेशन जांच चौकी पर अधिकारियों को सीमा पर एक संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिली थी। जांच के दौरान एटान को रोका गया और उसके दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई। पता चला कि एटान भारत में वैध रूप से रहने के किसी प्रमाण के बिना रह रहा था।

जानकारी के अनुसार, एटान का पासपोर्ट अमेरिका के मिनेसोटा में 7 अगस्त 1983 को जन्म के आधार पर जारी किया गया था। यह पासपोर्ट 30 अगस्त 2023 को निर्गत हुआ था, जिसकी वैधता 29 अगस्त 2033 तक है। वह भारत टूरिस्ट वीजा पर आया था, जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी थी। नियम के अनुसार, टूरिस्ट वीजा धारक को एक वर्ष में अधिकतम 180 दिनों तक ही भारत में रहने की अनुमति होती है।

इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर 2024 में ही एटान की वीजा अवधि समाप्त हो जाने के कारण उसकी एंट्री रिफ्यूज (प्रवेश निषेध) कर दी गई थी। इसके बावजूद वह अवैध रूप से भारत में दोबारा प्रवेश कर गया और तब से गैरकानूनी ढंग से देश में रह रहा था।

हाल के दिनों में पहलगाम में घटी घटना के बाद से इमिग्रेशन विभाग विशेष रूप से सतर्क है और सीमा क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में हुई इस गिरफ्तारी को सुरक्षा एजेंसियां बड़ी सफलता मान रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि एटान की गतिविधियों पर शक पहले से था और शुक्रवार को जब वह चोरी-छुपे नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था, तब उसे पकड़ लिया गया।

गिरफ्तारी के बाद एटान को पुलिस को सौंप दिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस विदेशी नागरिक के भारत में अवैध रूप से रहने, बार-बार सीमा पार करने और अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन के मामले में गहनता से जांच कर रही है।

इमिग्रेशन विभाग ने बताया कि इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जिनमें विदेशी नागरिक भारत-नेपाल सीमा का उपयोग करके अवैध आवाजाही करते हैं। यह मामला न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विदेशी नागरिक किस प्रकार स्थानीय व्यवस्था की अनदेखी करते हुए भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं।

भारत-नेपाल खुली सीमा हमेशा से सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती रही है। बिना वीजा-पासपोर्ट के आवाजाही का लाभ उठाते हुए कई संदिग्ध गतिविधियों में शामिल व्यक्ति इस रास्ते का उपयोग करते हैं। ऐसे में रक्सौल इमिग्रेशन की यह कार्रवाई न केवल सजगता का उदाहरण है बल्कि यह भी स्पष्ट संकेत है कि विदेशी नागरिकों की गतिविधियों पर अब पैनी नजर रखी जा रही है।

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