स्कूलों में पत्रकारों के आने पर रोक का आदेश जारी, भ्रष्टाचार छुपाने की बड़ी तैयारी।

पटना: बिहार में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है इसकी बानगी ना आपसे छिपी है ना हमसे। सुरसा की मुह की तरह मुह बाय खड़ा ये बीमारी आज छुटवइये से लेकर बड़े अधिकारियों तक फैला हुआ है। जिन्हें पता है कि उसके राज खुले तो गर्दन उनकी भी पकड़ी जायेगी। तभी तो डर के साये में जीने वाले अधिकारी अब सख्त निर्देश जारी कर अपने काले करतूतों को छुपाने में जुट गए हैं। इसलिए स्कूलों में मीडिया के आने पर प्रतिबंध लगा दिया हैं।

दरअसल शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने 15 अक्टूबर को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में उन्होंने विद्यालय के शिक्षण कार्य प्रणाली में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए विद्यालयों में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दिया है। उनके पत्र के मुताबिक विद्यालय में जाने के लिए किसी को भी विभागिये आदेश की जरूरत होगी। मतलब साफ से अधिकारी स्कूल में चल रहे चोर बाजारी को बढ़ावा देने पर तुले हैं।

शिक्षा विभाग द्वारा 15 अक्टुबर को जारी आदेश पत्र

आपको बता दें कि विद्यालय आज शिक्षा विभाग और उससे जुड़े कर्मचारियों/अधिकारियों के लूट और लापरवाही का बड़ा अड्डा बना हुआ है। जिसे डिजिटल मीडिया के पत्रकार लगातार उजागर कर रहे हैं।

समझिये कैसे चल रहा लूट का खेल ?

विद्यालय में मध्याहन भोजन (MDM) बनता है जो छात्रों के लिए रोज बनाना है, जिसके लिए विद्यालय की मांग के मुताबिक पर्याप्त राशन मिलता है पर राशन खत्म का बहाना बना भोजन नहीं बनता है और कागजी कार्रवाई में भोजन बनता है ये दिखाकर अधिकारी/ कार्मचारी खुलेआम पैसे गबन कर रहे हैं और कोई पूछने वाला नहीं सिवाय पत्रकारों के। दूसरी स्थिति देखिये। आपने एक- दो बार नहीं कई बार सुना होगा कि MDM के भोजन में कीड़ा निकल रहा, भोजन में सिर्फ खिचड़ी दिया जाता है जबकि सरकारी फरमान में दिन के मुताबिक खाना निर्धारित है। अब इन काले करतूतों का उजागर सिर्फ पत्रकार करते हैं। इसलिए विभाग से पत्रकारों के स्कूलों में जाने पर विभाग के वरिये अधिकारियों ने ही रोक लगा दिया। इससे आसानी से समझा जा सकता है कि शिक्षा विभाग में चल रही लूट की ये लॉबी कहाँ तक फैली हैं आप अंदाज लगा सकते हैं। तैयारी। पटना: बिहार में भ्रस्टाचार किस कदर हावी है इसकी बानगी ना आपसे छिपी है ना हमसे। सुरसा की मुह की तरह मुह बाय खड़ा ये बीमारी आज छुटवइये से लेकर बड़े अधिकारियों तक फैला हुआ है। जिन्हें पता है कि उसके राज खुले तो गर्दन उनकी भी पकड़ी जायेगी। तभी तो डर के साये में जीने वाले अधिकारी अब सख्त निर्देश जारी कर अपने काले करतूतों को छुपाने में जुट गए हैं। इसलिए स्कूलों में मीडिया के आने पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। दरअसल शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने 15 अक्टूबर को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में उन्होंने विद्यालय के शिक्षण कार्य प्रणाली में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए विद्यालयों में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दिया है। उनके पत्र के मुताबिक विद्यालय में जाने के लिए किसी को भी विभागिये आदेश की जरूरत होगी। मतलब साफ से अधिकारी स्कूल में चल रहे चोर बाजारी को बढ़ावा देने पर तुले हैं। आपको बता दें कि विद्यालय आज शिक्षा विभाग और उससे जुड़े कर्मचारियों/अधिकारियों के लूट और लापरवाही का बड़ा अड्डा बना हुआ है। जिसे डिजिटल मीडिया के पत्रकार लगातार उजागर कर रहे हैं। समझिये कैसे चल रहा लूट का खेल ? विद्यालय में मध्याहन भोजन (MDM) बनता है जो छात्रों के लिए रोज बनाना है, जिसके लिए विद्यालय की मांग के मुताबिक पर्याप्त राशन मिलता है पर राशन खत्म का बहाना बना भोजन नहीं बनता है और कागजी कार्रवाई में भोजन बनता है ये दिखाकर अधिकारी/ कार्मचारी खुलेआम पैसे गबन कर रहे हैं और कोई पूछने वाला नहीं सिवाय पत्रकारों के। दूसरी स्थिति देखिये। आपने एक- दो बार नहीं कई बार सुना होगा कि MDM के भोजन में कीड़ा निकल रहा, भोजन में सिर्फ खिचड़ी दिया जाता है जबकि सरकारी फरमान में दिन के मुताबिक खाना निर्धारित है। अब इन काले करतूतों का उजागर सिर्फ पत्रकार करते हैं। इसलिए विभाग से पत्रकारों के स्कूलों में जाने पर विभाग के वरिये अधिकारियों ने ही रोक लगा दिया। इससे आसानी से समझा जा सकता है कि शिक्षा विभाग में चल रही लूट की ये लॉबी कहाँ तक फैली हैं आप अंदाज लगा सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
[xoo_el_action]

We have exclusive properties just for you, Leave your details and we'll talk soon.

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incid idunt ut labore ellt dolore.