Raxaul: एक ओर जहां भारत अपनी सीमाओं को लेकर चौकसी और रणनीतिक सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत-नेपाल सीमा पर रक्सौल बॉर्डर के समीप झाड़ियों में एक जिंदा हैंड ग्रेनेड की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल एक सुरक्षा चूक को उजागर करती है बल्कि सीमा पार से घुसपैठ या आतंकी साजिश की आशंका को बल देती है।
घटना स्थल, भारत-नेपाल मैत्री पुल और भारतीय वाणिज्य दूतावास के मात्र कुछ मीटर की दूरी पर है, जहां चौबीसों घंटे सशस्त्र सीमा बल (SSB), कस्टम, और नेपाल पुलिस फोर्स की संयुक्त निगरानी होती है। ऐसे अत्यधिक सुरक्षा वाले क्षेत्र में जिंदा ग्रेनेड का पाया जाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत है।
बच्चों की सतर्कता से बच गई है एक बड़ी दुर्घटना। इस ग्रेनेड को भारत नेपाल मैत्री पुल के नीचे नदी किनारे की झाड़ियों में कुछ बच्चों ने देखा, जिन्होंने साहस दिखाते हुए इसकी सूचना ड्यूटी पर तैनात जवानों को दी। जवानों ने तुरंत पूरे क्षेत्र को सील किया और बम निरोधक दस्ते को बुलाया। यह ग्रेनेड पूरी तरह से सक्रिय स्थिति में था और किसी भी समय विस्फोट की स्थिति बना सकता था।
सुरक्षा व्यवस्था की परतें अब सवालों के घेरे में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जिस क्षेत्र में हर रोज हजारों लोग सीमा पार करते हैं और जहां इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, CCTV, स्निफर डॉग्स और जांच वाहन तैनात हैं, वहाँ इस प्रकार के विस्फोटक का पाया जाना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है। कुछ खुफिया सूत्र इसे भारत में आतंकवादी घटनाओं की श्रृंखला से जोड़ कर देख रहे हैं, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से जारी खतरे के संदर्भ में।
भारत नेपाल का यह रक्सौल बॉर्डर अब आतंक का नया रूट बनता जा रहा है। अब तक पाकिस्तान सीमा से जुड़ी आतंकी गतिविधियां चर्चित रही हैं, लेकिन हालिया घटनाएं संकेत दे रही हैं कि आतंकवादी भारत-नेपाल की खुली सीमा का फायदा उठाकर वैकल्पिक मार्ग के रूप में इसका उपयोग कर रहे हैं। यह घटना इस आशंका को और प्रबल करती है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार तक रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। बम को डिफ्यूज करने की प्रक्रिया जारी है और यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि ग्रेनेड किस देश का है, इसे किसने और कैसे यहां रखा।