DELHI: भोजपुरी लोकसंगीत के लिए विश्वविख्यात बिहार की बेटी पद्मश्री शारदा सिन्हा का इलाज के दौरान निधन हो गया। जिसकी जानकारी शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने सोशल मीडिया पर दी। अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया पर लिखा “आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है । मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं”
ये खबर लोगों उस वक़्त बहुत झकझोरने वाला था, जब शारदा सिन्हा के संगीत के भरोसे लोग लोकआस्था का महा पर्व छठ मना रहे हैं। शारदा सिन्हा की संगीत की तरह ही कई लोग पहली- पहली बार छठ कर रहे होंगे और गाने में बताये गए अनुभव को महसूस कर रहे होंगे। लेकिन इस सारे अनुभव और ख्यालों के बीच मंगलवार की देर रात 10- 10:30 बजे के करीब शारदा सिन्हा के निधन की खबर सामने आई। वैसे तो दिनभर मौत की खबर की चली अफवाहों के बीच ये खबर भी लोगों को अफवाह ही लगी। लेकिन शारदा सिन्हा के ऑफिसियल सोशल मीडिया एकाउंट पर उनके बेटे अंशुमन सिन्हा के बिहाफ से लिखे गए संदेश ने लोगों यकीन दिलाया की ये खबर सत्य है। फिर टूटे मन से, रूपसे लोगों ने बिहार विभूति बिहार कोकिला को श्रद्धांजलि देना शुरू किया। शारदा सिन्हा के निधन की खबर के बाद PM मोदी ने भी सोशल मीडिया एक्स पर पुरानी तस्वीर के साथ पोस्ट किया।
सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस… pic.twitter.com/sOaLvUOnrW
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2024
बिहार कोकिला, पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा जी का निधन दुःखद। वे मशहूर लोक गायिका थीं। उन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावा हिन्दी गीत भी गाये थे। उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज दी थी। स्व० शारदा सिन्हा जी के छठ महापर्व पर सुरीली आवाज…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 5, 2024
महापर्व छठ पूजा के दौरान आदरणीय शारदा सिन्हा जी का चले जाना अत्यंत दुखद है।
— Sonu Nigam (@SonuNigamSingh) November 5, 2024
छठी मैया आपको अपनी गोद में स्थान दें। आप अपने स्वरों के जरिए सदैव लोगों के हृदय में जीवित रहेगी।
ॐ शांति! 🙏 pic.twitter.com/TkkH0HuR51
बता दें कि शारदा सिन्हा का पैतृक निवास सुपौल जिले के हुलास में स्थित है। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे। शारदा सिन्हा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुलास में ही पूरी कीं, इसके बाद बिहार की नामी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। जानकारी के मुताबिक उन्होंने 12वीं के बाद Bed किया था। शारदा सिन्हा ने मगध महिला कॉलेज, प्रयाग संगीत समिति और ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से उन्होंने संगीत में Phd की उपाधि हासिल की थी।
शारदा सिन्हा ने पहली बार 1974 में भोजपुरी गीत गाया लेकिन 1978 में उनके छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’ ने उनकी पहचान को हर घर में पहुँचा दिया। भोजपुरी गीतों के लिए मशहूर शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड के कुछ गानों में भी अपनी सुरीली आवाज दी है। साल 1989 में उन्होंने बॉलीवुड में भी कदम रखा और यहां भी खूब सराहना बटोरी। उनका बॉलीवुड फिल्म मैंने प्यार किया फिल्म में ‘कहे तोसे सजना’ और हम आपके हैं कौन फिल्म का ‘बाबुल जो तुमने सिखाया’ गाना दशकों बाद भी उतना ही मशहूर है जितना फिल्म में आने के दौरान था।
कई अवॉर्ड्स से किया गया है सम्मानित
शारदा सिन्हा ने अपने जीवन में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। शारदा सिन्हा को देश- प्रदेश में कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। साल 1991 में उन्हें पद्म श्री जबकि साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार गौरव, बिहार रत्न और मिथिला विभूति जैसे कई पुरस्कार मिला था। इतना ही नहीं शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला और भोजपुरी कोकिला और भोजपुरी की लता मंगेशकर जैसे खिताबों से भी नवाजा गया था।