पटना: लंबे इंतज़ार और कई आरोप- प्रत्यारोप के बीच आखिरकार बिहार कैडर के 1997 बैच के आइएएस अधिकारी संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व राजद विधायक गुलाब यादव को ED ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। ED ने दोनों पर आय से अधिक संपत्ति,अवैध संबंध और हवाला से पैसे ट्रांसफर जैसे कई गंभीर आरोप में गिरफ़्तर किया है। इतना ही नहीं महिला से यौन शोषण और स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनी से रिश्वत में रिसार्ट खरीदने तथा मर्सीडीज लेने के मामले भी इन पर दर्ज है।
दरअसल ऊर्जा विभाग में तैनात IAS अधिकारी पर रिश्वत खोरी की शिकायत के बाद चर्चे में आए अधिकारी को ऊर्जा विभाग से हटा कर सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान करा दिया गया था। हालांकि IAS अधिकारी संजीव हंस के साथ ही गुलाब यादव पर एक महिला ने अवैध संबंध बनाकर प्रेगनेंट करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। यह मामला बहुत दिनों तक चला। SUV के चार्जशीट के अनुसार संजीव हंस मासिक खर्च के लिए दो लाख रुपये उस महिला को गुलाब यादव और सुनील कुमार सिन्हा के माध्यम से देते थे। ये पैसे उस महिला को संजीव हंस के साथ अवैध संबंध की बात को छिपाने या इस पर चुप्पी साधकर रखने के लिए दिए जाते थे। इतना ही नहीं संजीव हंस ने महिला को लखनऊ में 90 लाख रुपये का एक फ्लैट भी खरीद कर दिया था। यह राशि सुनील सिन्हा और उसकी कंपनी मेसर्स एक्स आर्मी मेंस प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और दो अन्य लोगों दिव्य प्रकाश एवं शिवराज ने सात बार में महिला के बैंक खाते में जमा कराया था। लेकिन मामला तब सामने आया जब संजीव जल संसाधन विभाग से हटकर ऊर्जा विभाग में बतौर प्रधान सचिव और ऊर्जा कंपनियों के CMD के रूप में अपने चेहते लोगों को स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका देने लगे। इस ठेके के एवज़ में संजीव हंस ने घूस के रूप में महंगी घड़ियां और गाड़ियां लेता रहा।
लेकिन अधिकारी की एक ही चाल उनको भारी पड़ गई। जिस एजेंसी से स्मार्ट मीटर का काम छीन कर दूसरे को दिये थे, उस कंपनी ने इसकी शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपी गयी। जांच में जुटी टीम ने अधिकारी संजीव हंस और गुलाब यादव के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में जांच एजेंसी को कई सबूत मिले। इसके बाद इन लोगों से कई अन्य के ठिकानों पर भी छापेमारी का सिलसिला चला। पुणे में बनायी कंपनी से सीएनजी पंप का संचालन संजीव हंस की पत्नी मोना हंस उर्फ हरलोविलीन कौर और गुलाब यादव ने पुणे में संयुक्त रूप से मेसर्स प्रोग्रोथ इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी 2017 में खोला गया था।जिसके अंतर्गत CNG PUMP का संचालन किया जाता है। इस कंपनी के खाते में तीन बारे में 15 लाख ट्रांसफर किए गए थे। जिस जमीन पर यह पंप बना है, वह जमीन गुलाब यादव की पत्नी अंबिका गुलाब यादव के नाम पर है। पुणे में इनके दोस्त ने भी लाखों रुपये IAS अधिकारी की पत्नी के खाते में ट्रांसफर किए थे। काली कमाई के लेनदेन में देविंद्र सिंह की भूमिका भी काफी संदिग्ध है। देविंद्र को गुलाब यादव ने संजीव हंस के कहने पर 50-60 लाख रुपये कैश दिये थे। चार्जशीट के मुताबिक संजीव हंस के बिजनेस पार्टनर पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव 2015 से 2022 के बीच अपने बैंक खाते में 3.8 करोड़ रुपये जमा कराई है।
इसके साथ ही ऊर्जा विभाग से जुड़े कंपनियों की ठीकेदारी करने वाले प्रवीण चौधरी नाम के शक्स जो मुख्य रूप से ऊर्जा विभाग के लिए वेंडर के तौर पर एक अगस्त 2024 से काम कर रहा ने मार्च 2023 में 9.25 करोड़ में दिल्ली के आनंद निकेतन में एक फ्लैट खरीदा था। आनंद निकेतन के उसी फ्लैट C-35 भवन के तीसरे तले पर IAS संजीव हंस की पत्नी और परिवार रहता है।