प्रेम जाल, फर्जी पहचान और धर्मांतरण की साजिश बेनकाब, आरोपी गिरफ्तार

रक्सौल: भारत-नेपाल सीमा एक बार फिर मानव तस्करी और धर्मांतरण की साजिशों का गवाह बनी है। एसएसबी चेक पोस्ट रक्सौल के पास 47वीं वाहिनी की एएचटीयू टीम ने नेपाल से भारत में प्रवेश कर रहे एक युवक और नाबालिग लड़की को संदेह के आधार पर रोका। प्रारंभिक पूछताछ में मामला मानव तस्करी और फर्जी पहचान के ज़रिए प्रेम जाल में फसाकर धर्मांतरण की ओर ले जाने का प्रतीत हुआ।

पूछताछ में युवक की पहचान मोहम्मद समीर उर्फ ‘आकाश’ के रूप में हुई, जो फर्जी हिन्दू नाम और फेसबुक आईडी का इस्तेमाल कर नाबालिग सोनी कुमारी को प्रेम के झांसे में लेकर उत्तर प्रदेश ले जा रहा था। जब एएचटीयू, स्वच्छ रक्सौल, और नेपाल की स्वयंसेवी संस्था मैती नेपाल ने काउंसलिंग की, तब पता चला कि नाबालिग लड़की को समीर की असली पहचान की कोई जानकारी नहीं थी। उसके मोबाइल से और भी कई हिंदू लड़कियों से चैट और फ्रेंड रिक्वेस्ट का डेटा प्राप्त हुआ, जो इस साजिश के बड़े नेटवर्क की ओर संकेत करता है।

लड़की के परिजनों ने नेपाल के बर्दीबास, महोत्तरी थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। समुचित कार्यवाही के बाद लड़की और आरोपी को नेपाल की इनरवा पुलिस चौकी को सौंप दिया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में इंस्पेक्टर विकास कुमार, एएसआई खेमराज, हवलदार अरविंद द्विवेदी, महिला सिपाही शालिनी सिंह और सोनाली कुमारी के साथ-साथ स्वच्छ रक्सौल के रणजीत सिंह, साबरा खातून और मैती नेपाल की गोमा व अनीशा की भूमिका सराहनीय रही।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों चल रहे एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश हो चुका है, जिसमें एक स्वयंभू बाबा की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। यह नेटवर्क सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं बल्कि नेपाल और अन्य पड़ोसी देशों तक फैला हुआ पाया गया है। इसी कड़ी में भारत-नेपाल सीमा पर लगातार ऐसे मामले पकड़ में आ रहे हैं, जहाँ मुस्लिम युवक फर्जी हिंदू पहचान लेकर हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन और निकाह के उद्देश्य से ले जाते हैं।

ऐसे मामलों में यह देखा गया है कि न केवल युवक बल्कि युवतियाँ भी इस साजिश में शामिल पाई गई हैं, जो अन्य लड़कियों को बहला-फुसलाकर इस गिरोह की मदद करती हैं। ये घटनाएँ न केवल मानवीय दृष्टिकोण से चिंता का विषय हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती भी हैं।

सरकार, सुरक्षा एजेंसियों और स्वयंसेवी संगठनों को सामूहिक रूप से मिलकर इस सुनियोजित साजिश के विरुद्ध लगातार अभियान चलाना होगा। साथ ही समाज को भी जागरूक और सतर्क रहना होगा।

(जय प्रकाश गुप्ता)

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