रक्सौल फुट ओवरब्रिज बन रहा जाम का स्थायी केंद्र, धूप में घंटों फंसे रहते हैं यात्री

रक्सौल: भारत-नेपाल सीमा पर रक्सौल स्थित फुट ओवरब्रिज, जिसे हाल ही में रेलवे फाटक के विकल्प के रूप में तैयार किया गया था, वह अब खुद बड़ी समस्या बनता जा रहा है। रेलवे फाटक के बार-बार बंद होने से यह ब्रिज ही एकमात्र विकल्प बन जाता है, लेकिन यहां की बदहाल स्थिति यात्रियों को हर दिन घंटों की पीड़ा दे रही है।

कड़ी धूप हो या बारिश, यह फुट ओवरब्रिज हर बार जाम की समस्या से जूझता नजर आता है। विशेषकर दोपहर के समय, जब धूप तेज होती है, तो ब्रिज पर टेंपो, ई-रिक्शा और बाइक की लंबी कतारें लग जाती हैं। इन गाड़ियों में बैठे महिलाएं, छोटे बच्चे और बुजुर्ग यात्रियों की हालत सबसे ज्यादा खराब हो जाती है। तेज धूप में पानी तक नसीब नहीं होता और यात्री बेहाल हो उठते हैं।

जाम के क्या हैं कारण ?

सबसे बड़ी विडंबना यह है कि फुट ओवरब्रिज पर ऊपर चढ़ने और नीचे उतरने के दोनों रास्ते ऐसी अव्यवस्थित व्यवस्था में बनी की वहीं जाम का बड़ा कारण बन जाते हैं और उपरी पथ पुल जाम हो जाता हैं। जब फाटक बंद होता है, उस दौरान एक साथ दर्जनों ई-रिक्शा, तंगा, टेम्पू और अन्य वाहन ब्रिज पर चढ़ने की कोशिश करते हैं, इन वाहनों में अगर मोटर साइकल छोड़ दें तो किसी अन्य वाहनों को पुल पर चढ़ने के लिए ना पुल निर्माण कंपनी की अनुमति है ना ये पुल इन वाहनों के अनुकूल है बावज़ूद वाहनों को चढ़ाया जाता है। हालात तो ऐसे है बड़े वाहनों को पुल पर चढ़ाने के लिए आम जनता अगर रोकती है तो वाहन चालक मारपीट पर और गली-गलौच पर उतारू हो जाते है। ऐसे में ब्रिज पर जबरन गाड़ियों को चढ़ाने के कारण दोनों ओर से गाड़ियों के फंसने से यातायात पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है।

बहुत खतारनाक है रक्सौल का रेलवे ओवर ब्रिज?

स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब यात्री ब्रिज से नीचे की ओर झांकते हैं। नीचे रेलवे ट्रैक के पास हाई टेंशन बिजली की तारें बिछी हुई हैं। ऐसे में यदि कोई गाड़ी असंतुलित होकर नीचे गिर जाए, तो बड़ा हादसा हो सकता है। बावजूद इसके, इस ब्रिज पर ना तो प्रशासन की मौजूदगी है ना कोई चेतावनी की तख्ती। कायदे से इस पुल की सुरक्षा आरपीएफ (RPF), रेल प्रशासन, नगर परिषद के साथ जिला को भी करना चाहिए था।

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यह ओवरब्रिज रक्सौल रेलवे गुमटी के बार-बार बंद होने की समस्या के समाधान के तौर पर बनाया गया था। परंतु जिस उद्देश्य से इसका निर्माण हुआ था, वह उद्देश्य अब फेल होता नजर आ रहा है। इस ब्रिज से डंकन अस्पताल, कई स्कूल, और नेपाल जाने वाली बड़ी आबादी गुजरती है। पर आए दिन लगने वाले जाम ने लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

क्या है जाम की समस्या का समाधान?

स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन को इस समस्या पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। ब्रिज पर ट्रैफिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती हो, और ओवरब्रिज पर किसी भी प्रकार के भारी वाहन ले जाने पर सख्ती से रोक लगाई जाए। यदि समय रहते इस पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो यह ब्रिज कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

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