मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय में ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर प्रशासन की सख्ती अब हरेक स्तर पर दिखने लगी है। सोमवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसने आम लोगों के साथ-साथ अधिकारियों को भी यह संदेश दे दिया कि कानून की नजर में सब समान हैं। घटना न्यायालय परिसर के समीप स्थित एक व्यस्त मार्ग की है, जहां ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा अपनी निजी गाड़ी को गलत ढंग से सड़क पर पार्क कर दिया गया था। यह पार्किंग न सिर्फ यातायात में बाधा बन रही थी, बल्कि राहगीरों और अन्य वाहनों के आवागमन को भी प्रभावित कर रही थी। घटना की सूचना मिलते ही जिले के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात स्वयं मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पाया कि वाहन की पार्किंग नियम विरुद्ध है और इससे ट्रैफिक बाधित हो रहा है। एसपी ने बिना किसी देर के, इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश से संपर्क किया और पूरे मामले से अवगत कराया। जिला जज की अनुमति और आदेश के बाद, संबंधित वाहन का चालान काटा गया। बताया जा रहा है कि यह पहली बार है जब जिले में किसी न्यायिक अधिकारी के वाहन पर इस प्रकार की कार्रवाई की गई है।
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पुलिस सूत्रों के अनुसार, वाहन के खिलाफ धारा 122/177 मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की गई है और ₹500 का चालान काटा गया है। इस कार्रवाई के बाद मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया,
“कानून का पालन सभी को करना चाहिए। चाहे वह अधिकारी हो या आम नागरिक, नियमों के प्रति जवाबदेही सभी की है। अगर हम खुद नियम नहीं मानेंगे तो आम जनता से इसकी अपेक्षा कैसे कर सकते हैं?”
जनता में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय जनसमुदाय में प्रशासन की निष्पक्षता की प्रशंसा की जा रही है। लोगों का कहना है कि यह कदम न सिर्फ एक उदाहरण है, बल्कि आने वाले समय में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक मजबूत पहल भी है।
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