रक्सौल को मिली बड़ी सौगात: आरओबी निर्माण की स्वीकृति, वर्षों पुरानी समस्या का समाधान

रक्सौल: भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल शहर के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ, जब यहां वर्षों से चली आ रही ट्रैफिक जाम की विकट समस्या के समाधान हेतु रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण की स्वीकृति मिली। एलसी गेट नंबर 33 और 34 पर आरओबी का निर्माण अब शीघ्र ही आरंभ होने जा रहा है, जिससे स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी राहत मिलेगी।

रक्सौल शहर नरकटियागंज-सीतामढ़ी रेलखंड पर स्थित है, जहां ट्रेनों की लगातार आवाजाही और शंटिंग की वजह से रेलवे क्रॉसिंग गेट दिनभर में लगभग 14 घंटे तक बंद रहते हैं। इससे शहर में यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है और महाजाम की स्थिति बन जाती है। इस जाम में फंसी स्कूल बसों में बच्चे घंटों परेशान रहते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। सबसे दयनीय स्थिति एंबुलेंस में फंसे मरीजों की होती है, जिनकी जान समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण जोखिम में पड़ जाती है। अब आरओबी के निर्माण से इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान होगा।

जेपी लोकतंत्र सेनानी अनुमंडल अध्यक्ष भरत प्रसाद गुप्ता ने इस स्वीकृति पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह आरओबी निर्माण रक्सौल की सबसे बड़ी समस्या का समाधान करेगा, जिससे भारत-नेपाल सीमा पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि आरओबी के बनने से स्थानीय लोगों को जाम से निजात मिलेगी और वाहनों की गति में सुधार होगा।

चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि इस ओवरब्रिज के बनने से व्यापार को नई गति मिलेगी। नेपाल से बड़ी संख्या में खरीदार रक्सौल आते हैं, लेकिन जाम की समस्या के कारण उनका आना कम हो गया था। अब वे आसानी से समय की बचत करते हुए यहां खरीदारी के लिए पहुंच सकेंगे, जिससे बाजार सुदृढ़ होगा, व्यापार बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

भाजपा नेता कमलेश कुमार ने सरकार को इसके लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह ओवरब्रिज रक्सौल के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे निरंतर विकास कार्यों की सराहना की।

सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने बताया कि वे इस परियोजना को लेकर लंबे समय से भारत सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों से संपर्क साध रहे थे। हाल ही में उन्होंने भारत सरकार के मंत्रियों के समक्ष रक्सौल की इस विकराल समस्या को प्रमुखता से रखा था, जिसके परिणामस्वरूप यह स्वीकृति मिली है।

भाजपा महिला मोर्चा जिला मंत्री मीतू गुप्ता ने रक्सौल की जनता की ओर से भाजपा सांसद संजय जायसवाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर क्षेत्र, गांव और दूरदराज इलाकों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने भाजपा संगठन के मजबूत नेतृत्व को इस उपलब्धि का श्रेय दिया।

आरओबी के निर्माण से न केवल जाम की समस्या समाप्त होगी, बल्कि रक्सौल शहर की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। स्थानीय व्यापारियों को नए ग्राहक मिलेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से चार घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के लक्ष्य को साकार करने में यह परियोजना अहम भूमिका निभाएगी।

रक्सौल अंतरराष्ट्रीय व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यहां से नेपाल जाने वाले पर्यटकों और व्यापारियों को अब आरओबी निर्माण के बाद सुगम आवाजाही का लाभ मिलेगा। इससे दोनों देशों के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे।

आरओबी की स्वीकृति से रक्सौल के नागरिकों को वर्षों पुरानी जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। यह परियोजना शहर के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी, व्यापार को गति देगी और लोगों को राहत प्रदान करेगी। स्थानीय नागरिकों ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए भारत सरकार, रेलवे मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन का आभार जताया है।

 

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